रोता तो नहीं हूँ ,
बस मुस्कुराना भूल गया हूँ।
पहले की तरह अब में
जीना भूल गया हूँ।
न जाने किस बात की सोच में
खोया रहता हूँ।
खामोश रहने लगा हूँ
वो बकबक भूल गया हूँ।
लोगो से अब दिल मेरा
शिकायत तक नहीं करता।
कोई है भी क्या अपना ?
में ये भी भूल गया हूँ।
खामोश सा हो गया हूँ अंदर से
न जाने क्यों में एक अरसे से खुलकर हसना भूल गया हूँ।
दिल करता है काश ख्वाब हकीकत हो जाए मेरा
जब से टूटा हूँ ख्वाब सजाना भूल गया हूँ।
Nice …Good work!!!
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Thank you so much Japrose.. Dil se likha hai 🙂 …….
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Of course.. It shows!!
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Must visit my page too.☺️
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Sure i will
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kya baat….rotaa to nahi bas muskurana bhul gaya hun…..behtarin.
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Behtrin
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